Critical thinking – My journey

Critical thinking यह सफ़र शुरु होते – होते अब अंतिम किनारे कब आ पहुँचा  पता भी नहीं चला | बहुत सारा रिसर्च किया , अपने अनुभव ,गलतियाँ बे झिझक बताई | समस्याओं को अलग नजरियें से देखना सीखा | सिखने के लिए बहुत कुछ हैं बस हमारी सिखने की अभिलाषा होनी चाहिए | मनुष्य समाज का अहं हिस्सा है | … Continue reading Critical thinking – My journey